जनपद की मोंठ तहसील के अंतर्गत आने वाले गाँव रेव में दिनाँक 08/09/2022 को सुबह 11 बजे वन विभाग के दस्ते ने आदिवासियों का आशियाना उजाड़ दिया जिसके बाद 25 आदिवासी परिवार रोते बिलखते बच्चों को लेकर सड़क पर रहने को मजबूर हो गये। दिनाँक 09/09/2022 को दर्जनों की संख्या में आज आदिवासी माँ सबरी सहरिया समिति के तत्वावधान में संरक्षक डॉ संदीप सरावगी के साथ जिलाधिकारी कार्यालय पहुँचे जहाँ आदिवासियों ने बताया कि लगभग 25 परिवार आदिवासी वन अधिनियम कानून 2006 के अंतर्गत 25 वर्षों से रेव गाँव के जंगलों में रह रहे हैं अचानक वन विभाग के कार्यवाही से सभी आदिवासी सकते में आ गये बस्ती में भारी पुलिस बल के साथ पहुंची टीम ने मशीनों से घर के आँगन व पीछे गड्ढे खोदना शुरू कर दिए दहशत में आकर महिलायें, बच्चे व बुजुर्ग दूर हो गये। टीम द्वारा की गई कार्यवाही से बड़े-बड़े गड्ढे हो जाने के बाद वहाँ बच्चों और बुजुर्गों का गड्ढों में गिर जाने का खतरा बढ़ गया है जिससे सभी आदिवासी अब सड़क पर रह कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं वहीं आदिवासियों का कहना है रात में जंगली जानवरों और जहरीले कीड़ों का खतरा बढ़ जाता है जिससे कभी भी कोई अनहोनी घटना घटित हो सकती है संरक्षक डॉ संदीप सरावगी के साथ सभी आदिवासियों ने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा या तो आदिवासियों को वहां रहने दिया जाए या अन्यत्र कहीं स्थापित कर दिया जाए अन्यथा की स्थिति में सभी आदिवासी बेघर और बेरोजगार हो जाएंगे जो कदापि उचित नहीं है।
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