एक छोटी हवाई पट्टी, जहां एयर ट्रैफिक कंट्रोलर तक नहीं है, जो विमानों को आने का रास्ता बता सके. जहां इन्फ्रास्ट्रक्चर के नाम पर केवल पोर्टेबल टॉयलेट और कंटेनर में मेकशिफ्ट ऑफिस है. यह एयरस्ट्रिप उस वक्त और छोटी थी जब दिसंबर 2022 में अडानी ग्रुप के मालिक गौतम अडानी, जो तब दुनिया के दूसरे सबसे अमीर शख्स थे, उन्होंने इस वीरान बंजर जगह तक पहुंचने के लिए एक छोटे प्लेन का सहारा लिया. इस इलाके में पिन कोड तक नहीं है और गांव का नाम भी 80 किलोमीटर दूर एक गांव से पड़ा. इस इलाके में खेती-बाड़ी का तो कोई सवाल ही पैदा नहीं होता क्योंकि मिट्टी ही इतनी ज्यादा खारी है. लेकिन देश में लद्दाख के बाद यहां सबसे शानदार सोलर रेडिएशन है और मैदानी इलाकों की तुलना में हवा 5 गुना ज्यादा तेज चलती है, जिससे रिन्युएबल एनर्जी पार्क के लिए यह जगह सबसे मुफीद बन जाती है. हवाई पट्टी से उतरने के बाद रेतीले इलाके से होकर 18 किलोमीटर की ड्राइव के बाद आती है अडानी ग्रुप की वो साइट, जहां दुनिया का सबसे बड़ा रिन्युएबल एनर्जी पार्क है. यह 538 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. इसका आकार पेरिस की तुलना में 5 गुना है.
Posted inNational