देहरादून के मां कालिका मंदिर से काफी भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है। मान्यता है कि मंदिर में सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना पूरी होती है। नवरात्र में मंदिर में हर दिन बड़ी संख्या में भक्त माता रानी के दर्शन को पहुंचते है। दून के कालिका मार्ग स्थित मां कालिका मंदिर करीब 70 सालों से भक्तों की आस्था का केंद्र है। मंदिर की स्थापना 1954 में हुई थी। माना जाता है कि यहां उस समय मंदिर के समीप एक बरसाती नाला हुआ करता था। आचार्य चंद्रप्रकाश ममगई बताते है कि उस समय बालयोगी सर्वदास महाराज के सपने में खंडहर और माता की मूर्ति स्थापित होने का एक दृश्य दिखा।
उन्होंने वहां की खोदाई कराई तो इसमें उन्हें हनुमान जी की प्रतिमा और चांदी की मां की प्रतिमा के अंश भी मिले। इसके बाद उन्होंने जयपुर पहुंचकर सपने में आई उसी स्वरूप की प्रतिमा तलाशनी शुरू कर दी। लेकिन काफी तलाशने के बाद भी मूर्ति नही मिली। इसके बाद जयपुर में एक बालिका उनका हाथ पकड़कर दुकान तक ले गई, तभी उन्होंने वहां से मूर्ति लाकर मां कालिका मंदिर की स्थापना की थी। इसके बाद से ही मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र बनता गया। मंदिर में हर दिन भक्त पहुंचकर माता रानी के दर्शन करते हैं।