एनटीपीसी के सीबी कोल माइंस के समीप निवास कर रहे बहादुर बिरहोर की मौत!! आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय के लोगों ने मौत के जिम्मेवार आउट सोर्सिंग एजेंसी ऋत्विक और एनटीपीसी प्रबंधन को ठहराया!! मौत के विरोध में उतरे खनन कार्य और कोयला ट्रांसपोर्टिंग कराया घंटो बंद !! किरनी बिरोहोर के मौत के तुरंत बाद बिरहोर समुदाय के बहादुर बिरहोर की मौत !! केरेडारी : एनटीपीसी के चट्टी बरियातू कोल माइंस के समीप निवास कर रहे 36 वर्षीय बहादुर बिरहोर की मौत 10 अप्रैल की सुबह तीन बजे भोर हो गई! बहादुर बिरहोर के मौत के उपरांत आक्रोशित बिरोहोर समुदाय के लोगों ने सुबह छह बजे भोर से विरोध में एनटीपीसी के चट्टी बरियातू कोल को दोपहर एक बजे दिन तक पूरी तरह से ठप करा दिया! माइंस में ओबी बर्डन कोयला खनन और कोयला की ढुलाई कार्य पूरी तरह से बंद करा दिया! बिरहोर समुदाय के लोग मौत के जिम्मेवार लोगों को सामने आ कर समस्याओं पर बात करने की मांग कर रहे थे! मौत के कारण पर मृतक के परिजनों ने कहा कि माइंस नजदीक होने से धूल गर्दा प्रदूषण के कारण बहादुर बिरहोर की मौत हुई है! बहादुर बिरहोर के मौत के पूर्व किरनी बिरहोर की हो चुकी है मौत :: बहादुर बिरहोर के मौत के पूर्व बीते 28 फरवरी को एनटीपीसी के चट्टी बरियातू कोल माइंस क्षेत्र के समीप पगार बिरहोर कलोनी निवासी किरनी बिरहोर की मौत संदेहात्मक परिस्थित में हो चुकी है! किरनी बिरहोर के मौत के दो महीना भी नहीं बीते है कि बहादुर बिरहोर की मौत हो गई! बिरहोर समुदाय के मौत पर उठ रहे हैं सवाल :: माइंस क्षेत्र के नजदीक निवास कर रहे बिरहोर समुदाय के लोगों की मौत पर समाज का एक बड़ा वर्ग और कई सामाजिक संगठन सवाल उठा रहे हैं! कि एनटीपीसी के चट्टी बरियातू कोल माइंस को खुले हुए लगभग दो वर्ष बीतने को है पर आज तक बिरहोर समुदाय के लोगों को माइंस क्षेत्र से अलग जगह पर बसाने का सार्थक पहल क्यों नहीं किया गया! इसमें प्रबंधन की लापरवाही साफ झलकती है! कब तक होते रहेगा आदिम जनजाति के मौत पर सौदा :: लोगों के बीच इस बात की चर्चा बनी हुई है कि विलुप्त होने के दहलीज पर खड़ी आदिम जनजाति बिरहोर समुदाय के लोगों की मौत पर चंद रुपए में सौदा करने पर प्रशासनिक वर्ग सार्थक पहल क्यों नहीं कर रहा है! अंततः थाना प्रभारी अजीत कुमार प्रमुख सुनीता देवी समाजसेवी प्रेम रंजन पासवान पंचायत समिति सदस्य महेंद्र रजक समाजसेवी सुंदर गुप्ता समेत अन्य लोगों के पहल पर मृतक के दो बच्चों को जीवन यापन करने के लिए पांच पांच हजार रूपए प्रति महीना और वयस्क सदस्य को कंपनी में रोजगार व दाह संस्कार के लिए 30 हजार रूपए नगद देने पर सहमति बनी और लाश को उठाया गया! उपरोक्त प्रकरण पर एनटीपीसी के मृत्युंजय वर्मा ने बताया कि बिरहोर समुदाय के लोग माइंस क्षेत्र से बाहर निवास करते हैं!
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