दुनिया के इतिहास में ऐसे कई नरसंहार हुए हैं, जिन्हें शायद ही कभी भुलाया जा सकता है। एक ऐसा ही एक नरसंहार अप्रैल 1994 में हुआ था। महज 100 दिनों तक चले इस भीषण नरसंहार में एक-दो नहीं बल्कि करीब आठ लाख लोगों ने अपने प्राण गवाएं थे। इसे इतिहास का सबसे भीषण नरसंहारत कहना भी गलत नहीं होगा। भारत ने पूर्वी अफ्रीकी राष्ट्र के लोगों के साथ एकजुटता दिखाई है। नरसंहार की याद में कुतुब मीनार को रवांडा के झंडे के रंगो से रोशन किया गया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा कि रवांडा के लोगों के साथ एकजुटता दिखाते हुए भारत ने आज कुतुब मीनार को रवांडा के झंडे के रंगो से रोशन किया। साथ ही, उन्होंने कहा कि आर्थिक संबंध के सचिव दम्मू रवि ने 30वें स्मरणोत्सव में भारत का प्रतिनिधित्व किया।