ग्वालियर के सबसे पुराने सिंधिया रियासतकालीन और ऐतिहासिक तालाब जनकताल को प्रशासन ने निजी हाथों में जाने से बचा लिया, दरअसल ग्वालियर के पूर्व सरदार और सिंधिया राज अंश में खास अहमियत रखने वाले सरदार संभाजी राव आंग्रे चित्रलेखा आंग्रे ने इस ऐतिहासिक तालाब को अपना बताते हुए एक परिवाद दायर किया था। जिसके बाद जाँच होने पर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने इस तालाब को शासकीय खसरों में दर्ज करने के आदेश दे दिए आपको बता दें कि यह जनकताल तालाब श्रद्धा का केंद्र भी है क्योंकि यहाँ पूर्व से लेकर आज भी गणेश विसर्जन माता विसर्जन के साथ मुस्लिम समुदाय ताजिया विसर्जन भी करता रहा है, कलेक्टर के मुताबिक इस तालाब का सौंदर्यीकरण करके इसका मूल स्वरूप लौटाया जाएगा।
Posted inMadhya Pradesh