मुरादाबाद
अनिल कुमार सागर की रिपोर्ट
पुलिस की दोहरी कार्यवाही बनी चर्चा का विषय
पुलिस प्रशासन पर उठे सवाल
भ्रष्टाचार में पारदर्शिता लाने के लिए सूचना का अधिकार कानून बनाया गया है। इस कानून से कई बार कई बड़े घोटाले भी उजागर हुए है। ऐसा ही एक और गज़ब का खुलासा हुआ है। थाना क्षेत्र की पुलिस चौकी रौण्डा-झौण्डा अवैध खनन का गड़ बनी हुई है। यह सब अधिकारियों की उदासीनता और चौकी पुलिस की संलिप्तता का बड़ा कारण है। बता दे की रौण्डा-झौण्डा चौकी के गांव मोहम्मदपुर में 28 जून की शाम से ही जेसीबी और डंपरों की मदद से अवैध खनन किया जा रहा था। जानकारी के मुताबिक मुखविर द्वारा अवैध खनन की सूचना रौण्डा-झौण्डा चौकी प्रभारी विवेक कुमार को दी गई। लेकिन,चौकी प्रभारी उस दौरान चौकी पर नही थे। सूचना देने के बाद भी चौकी पुलिस नही पहुंची। जिसकी सूचना क्षेत्राधिकारी हाइवे देश दीपक कुमार को दी गई। क्षेत्राधिकारी के हस्तक्षेप के बाद चौकी में खलबली मच गई। जिसके बाद पुलिस चौकी से सिपाही दीपक कुमार और आशुतोष यादव मौके पर पहुंचे, जहां से एक जेसीबी और दो डंपरों को अवैध खनन करते हुए पकड़ लिया। उसी दौरान किसी ने जेसीबी के पास खड़े सिपाही दीपक कुमार का वीडियो बना लिया और वायरल कर दिया। लालाटीकर गांव निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट शाहनवाज खान ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत अवैध खनन के वाहनों पर पुलिस द्वारा की गई कार्यवाही की प्रतिलिपियां मांगी तो गज़ब का खुलासा हुआ है। मूंढापाण्डे पुलिस ने सूचना में दो डंपरों को धारा 207 एमवी एक्ट में सीज कर रिपोर्ट खनन अधिकारी को सौपने का जिक्र किया है। जबकि अवैध खनन कर रही जेसीबी को चौकी पुलिस ने खानापूर्ति करके मौके से ही छोड़ दिया था। सूचना में विवेक कुमार उप निरीक्षक के द्वारा कार्यवाही करने की बात कही है। लेकिन, घटना के दौरान उप निरीक्षक विवेक कुमार चौकी पर मौजूद नही थे। घटना स्थल वाहनों को पकड़कर चौकी ले जाने वाले दो सिपाही थे। चौकी पर मौजूद दरोगा हरिप्रसाद ने अगले दिन दो डंपरो को कार्यवाही के लिए थाना मूंढापाण्डे भेज दिया। लेकिन,जेसीबी को बिना कार्यवाही के छोड़ दिया था। जिसका फोट अब वायरल है। क्षेत्र में चौकी पुलिस की दोहरी कार्यवाही चर्चा का विषय बनी है। जिससे पुलिस अपने ही बने जाल में फंस गई है। मामला पेचीदा होने पर खाकी पर ही प्रशन चिन्ह लगने लगे है।