धनबाद – ये लोकतंत्र है या जंगल राज?

ये लोकतंत्र है या जंगल राज? जी हां ये आपको तय करना है कि कोयलांचल में लोकतंत्र है या जंगल राज। देखिए और सुनिए एक ऐसी घटना जो मानवता को शर्मशार कर देती है,लोकतंत्र को तार तार कर देती है और जो पत्थर दिल इंसान के भी आंखो को नम कर देती है। घटना धनबाद के हाउसिंग कॉलोनी स्थित हरिजन बस्ती में रहने वाले 24 वर्षीय चंदन दास के साथ बलिया पूर में घटित हुई है वो चंदन दास जो अब इस दुनिया में नही है, होली मना कर अपनी धर्म पत्नी और बच्चों को लेकर अपने ससुराल ( बलिया पूर) से अपने घर आ रहा था तभी कुछ मनचले लोगो ने जो रास्ते में खड़े थे चन्दन दास की पत्नी को छेड़खानी करने लगे विरोध करने पर जाति सूचक शब्दो का प्रयोग भी किया जब चंदन दास ने विरोध किया तो आठ दस लोगो ने मिलकर उसकी पत्नी और बच्चों के सामने उसे इतनी बेरहमी से पीटा की उसकी जान पर बन आई घायल अवस्था में चंदन दास को एशियन जलान हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया जिसने बची खुची कसर भी निकल ली। चंदन दास के पिता एक दिव्यांग व्यक्ति है और मां घर घर जाकर दाई का काम करती है चंदन दास भी एक दिहाड़ी मजदूरी का काम करते थे उनके माता पिता ने सुरसा की तरह मुंह खोले बैठी जलान हॉस्पिटल क्षुधा शांत करने के लिए अपना घर तक बेच दिया लगभग साढ़े तीन लाख रुपए दिए ताकि किसी तरह उनके इकलौते बेटे की जान बचाई जा सके लेकिन सब कुछ बेकार आखिर अपने पीछे दो छोटे बच्चे,दिव्यांग पिता लाचार मां और बिलखती पत्नी को छोड़ कर चंदन दास दुनिया छोड़ कर चल दिए । 26 मार्च को ही दो नामजद और अज्ञात लोगो पर बलिया पूर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई लेकिन किसी की भी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो पाई है महतो बस्ती के लोग बीस लाख का लालच दे रहे है जान से मारने की धमकी दे रहे हैं ताकि एफआईआर वापस ले लिए जाए लेकिन इनके बचाव में कोई नहीं सामने आ रहा है बड़ी बड़ी डिंग हाकने वाले नेता समाज सेवक और यहां तक कि प्रेस वाले भी मूक दर्शक बने हुए हैं संवाद दाता पंकज सिन्हा ने बलियापुर थाना प्रभारी से फोन पर बात की सुनिए क्या कहा उन्होंने अगर यही लोकतंत्र है तो क्या फायदा

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