चांद पर जाने को तैयार इन रोवर्स में एनर्जी के लिए सोलर पैनल लगे हैं. कैमरों, सेंसर्स और जमीन भेदने वाले रडार से लैस ये रोवर चांद की सतह का 3D मैप तैयार करेंगे. मार्स यार्ड टेस्ट के बाद इन रोवर्स का वाइब्रेशन और थर्मल टेस्ट भी किया गया है,
यह सुनिश्चित करने के लिए कि चांद तक के सफर में इनका हार्डवेयर बचा रहे. इन रोवर्स की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंटरफेरेंस और कम्पैटिबिलिटी टेस्टिंग भी हुई है. इस टेस्ट से यह पता चला कि रोवर के इलेक्ट्रॉनिक सब-सिस्टम एक-दूसरे के काम में टांग नहीं अड़ाते, न ही लैंडर के लिए रुकावट बनते हैं.