भाजपा नेता और विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कच्चातिवु द्वीप के मुद्दे पर सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा लिया। इसमें उन्होंने कच्चातिवु द्वीप पर भारत का अधिकार छोड़ने को लेकर कांग्रेस और द्रमुक पर निशाना साधा। जयशंकर ने कहा कि 1974 में, भारत और श्रीलंका ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जहां उन्होंने एक समुद्री सीमा खींची, और समुद्री सीमा खींचने में कच्चातिवु को सीमा के श्रीलंकाई पक्ष पर रखा गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और DMK ने इस मामले को इस तरह से लिया है मानो इस पर उनकी कोई जिम्मेदारी नहीं है। भाजपा नेता ने आगे कहा, “हम जानते हैं कि यह किसने किया, यह नहीं पता कि इसे किसने छुपाया। हमारा मानना है कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि यह स्थिति कैसे उत्पन्न हुई।”