मुंगावली/अशोकनगर
संवाददाता -राजेश कौशिक
शिक्षा के मंदिर सरस्वती शिशु मंदिर में मनाया गया शिक्षा दिवस
मुंगावली के आदर्श स्कूलों में जिसको जाना जाता है यहां शिक्षा ज्ञान के साथ साथ संस्कार और शारीरिक विकास पर जोर दिया जाता है बो सरस्वती शिशु विद्या मंदिर , और इस स्कूल में मनाया गया शिक्षक दिवस इस बार बहुत खास था ।
शिक्षा का स्तर हमेशा खास रहे ये सोच के साथ सरस्वती विद्या मंदिर में उच्च शिक्षक बच्चो को शिक्षा देते है।
अभी हाल ही में सरस्वती शिशु विद्या मंदिर के बच्चो ने खो खो और कबड्डी में जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया और आने वाले दिनों में उनको संभागीय प्रतियोगिता में समलित होना है जिसको लेकर अभी से स्कूल प्रबंधन तैयारी में जुटा दिखा।
आज मनाया देश के आदर्श शिक्षक रहे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन
देश में जिनको हमेशा शिक्षक समाज का गौरव माना जाता है ऐसे एक महान शिक्षक सर्वपल्ली जी जो देश के सर्वोच्च पद तक आसीन हुए और देश में जिन्होंने राष्ट्रपति पद पाया । जिन्होंने भारत में 5 सितंबर 1888 को जन्म लिया और आजाद भारत के इतिहास में पहले उपराष्ट्रपति के रूप में सपथ ग्रहण की इसके बाद उनका कार्यकाल देश के द्वातीय राष्ट्रपति के रूप में सपथ ली।
डॉक्टर सर्वपल्ली जी ने एक बार अपने मन के विचार मित्रो से सांझा किए और कहा की बच्चे देश का भविष्य होते है जिनको बनाने में शिक्षक का अहम योगदान होता है अगर ऐसा हो की मेरा जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में देश में मनाया जाए तो इससे बड़ा उपहार मेरे लिए कोई दूसरा नहीं हो सकता , 1962 से ही 5 सितंबर राधाकृष्णन सर्वपल्ली का जन्मदिन देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
शिक्षक दिवस पर सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में बच्चो का भी हुआ सम्मान
सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में आज प्रधानाचार्य के अलावा अतिथि के रूप में डॉक्टर राजीव सोनी और शिक्षक और ओजस्वी वक्ता के रूप में नगर में पहचान बना चुके प्रमोद चतुर्वेदी शारीरिक शिक्षा देने वाले राधेश्याम उपाध्याय और सभी स्टाफ ने डॉक्टर राधाकृष्णन के चित्र को नमन किया और मुख्य अथितियो द्वारा शिक्षक दिवस का महत्व बच्चो को बताया गया।
प्रतिभान छात्र छात्राएं जिन्होंने विद्यालय का नाम शिक्षा या अन्य कलाओं में रोशन किया उनको सम्मानित भी किया गया , इसके अलावा बच्चो द्वारा भी शिक्षक को इस दिवस पर पैन जैसे गिफ्ट देकर बच्चो ने खुशी जाहिर की।
एक महान विभूति रहे राधाकृष्णन को भारतरत्न जैसे सम्मान से भी पुरुस्कृत किया गया और कहा जाए तो ये शिक्षक के साथ साथ बह देश के सर्वोच्च पदों पर इसलिए आसीन हुए क्योंकि बह खुले विचारों के व्यक्ति रहे थे जिन्होंने हमेशा देश के हित में खुदको समर्पित किया ।