हमारी आकाशगंगा में लाखों-करोड़ों तारे हैं. उनकी स्टडी कर रहा है गाइया स्पेस टेलिस्कोप (Gaia Space Telescope). इसी टेलिस्कोप की मदद से जर्मनी के सबसे बड़े साइंटिफिक संस्थान मैक्स प्लैंक इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोनॉमी ने आकाशगंगा का निर्माण करने वाले दो प्राचीन कणों को खोजा है. इन्हें नाम दिया है शिव और शक्ति. नीले रंग के डॉट्स शिव हैं. पीले रंग के डॉट्स शक्ति है. इन दोनों कणों ने मिलकर ही हमारी आकाशगंगा यानी मिल्की वे को बनाया है. ये डॉट्स यानी कण असल में तारों की दो प्राचीन लहरें हैं. जिन्होंने मिलकर आकाशगंगा का निर्माण बिग बैंग से 200 करोड़ साल बाद किया. करीब 1200 करोड़ साल पहले.
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