दुनिया लगातार गर्म हो रही है. ध्रुवों पर जमा बर्फ तेजी से पिघल रही है. इससे सिर्फ समंदर का जलस्तर नहीं बढ़ रहा. बल्कि हमारे दिनभर का समय भी बदल रहा है. इससे पूरे साल का समय बदल रहा है. इन सबके पीछे वजह है पेट्रोल, डीजल, कोयले और अन्य जीवाश्म ईंधन का भरपूर इस्तेमाल. दिन भर का समय कुछ सेकेंड्स में बदले तो इंसानों को पता नहीं चलता. लेकिन इनकी गणना करने वाली दुनिया भर की बेहद सटीक 450 एटॉमिक घड़ियों को पड़ता है. ये घड़ियां पूरी दुनिया में समय को संतुलित करने के लिए बनाई गई हैं. जिसे कॉर्डिनेटेड यूनिवर्सल टाइम (UTC) कहा गया है. जिसे पहली बार 1969 में परिभाषित किया गया था
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