वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को कहा कि सभी बड़ी राजनीतिक पार्टियों ने चुनावी बांड भुनाए हैं। इस मुद्दे पर किसी को कुछ कहने का नैतिक अधिकार नहीं है, क्योंकि यह कानूनी था। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए और बहस करने की जरूरत है, ताकि चुनावी फंडिंग को लेकर कोई बेहतर व्यवस्था बनाई जा सके। एक मीडिया समिट के दौरान एक प्रश्न का उत्तर देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, इस कानून को संसद ने पारित किया था। चुनावी बांड उस समय के कानून के अनुसार खरीदे गए थे। सीतारमण ने साफ किया कि वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने जा रही हैं। उन्होंने बताया कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उनसे लोकसभा चुनाव लड़ने के बारे में पूछा था। आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु की सीट से उन्हें चुनाव लड़ने की पेशकश की गई थी। लेकिन 8-10 दिनों तक इस बारे में सोचने के बाद उन्होंने चुनाव लड़ने से मना कर दिया।