दिल्ली-आगरा राजमार्ग टोल पर हर साल बढ़ोतरी की जा रही है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर लोगों को टूटी सड़कें, गंदगी के ढेर, बेसहारा पशुओं का भय झेलना पड़ रहा है। इतना ही नहीं राजमार्ग पर बनाए गए ओवरब्रिज पर लाइटें न होने से भी दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है, लेकिन इस तरफ न तो प्रशासन का ध्यान है और न ही राजमार्ग प्राधिकरण का। उल्टा प्राधिकरण में कार्यरत सफाई करने वाले कर्मचारी, ग्राम पंचायतों और नगर परिषदों के सफाई कर्मी गंदगी को राजमार्ग पर डाल देते हैं। यह हाल तो तब है, जब राजमार्ग पर सुविधाएं न देने के बावजूद वसूले जा रहे टोल का मामला पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में चल रहा है। एक बार फिर राजमार्ग प्राधिकरण ने गदपुरी टोल पर 5 रुपये से 10 रुपये तक की बढ़ोतरी कर दी है। दिल्ली सीमा से लेकर करमन सीमा तक 10 से 12 जगह गंदगी के ढेर राजमार्ग पर पड़े रहते हैं। साथ ही उन गंदगी के ढेर में मुंह मारते पशुओं के कारण दुर्घटनाओं का भी भय रहता है, क्योंकि ये पशु कभी भी सड़क पर आ जाते हैं और दुर्घटनाएं हो जाती हैं। गंदगी के ढेर बामनीखेड़ा, फिरोजपुर, औरंगाबाद, बघौला के बीच तथा होडल से करमन सीमा के बीच काफी जगह नजर आते हैं।