स्क्रिप्ट। आसनसोल के कल्ला मोड़ के पास स्थित काजी नजरूल विश्वविद्यालय मे बुधवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और काजी नजरूल विश्वविद्यालय के कुलपति सीवी आनंद बोस पहुंचे। यहां पर विश्वविद्यालय का चौथा कन्वोकेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। लेकिन तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद और तृणमूल कांग्रेस से समर्थित कॉलेज अध्यापकों के संगठन वेबकुपा की तरफ से राज्यपाल के काफिले को काले झंडे दिखाए गए और राज्यपाल गो बैक के नारे लगाए गए। इस अभियान को देखते हुए आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट की तरफ से कल्ला मोड पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। व्यापक संख्या में पुलिस अधिकारियों और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई थी। जब राज्यपाल का काफिला यहां से गुजरा तब तृणमूल छात्र परिषद के सदस्यों ने उन्हें काले झंडे दिखाये और राज्यपाल गो बैक के नारे लगाए। इस बारे में टीएमसीपी के पश्चिम बर्दवान जिला अध्यक्ष अभिनव मुखर्जी ने कहा कि वह विश्वविद्यालय में कन्वोकेशन के खिलाफ नहीं है। लेकिन जिस पद्धति से इसे किया जा रहा है। वह इसके खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सपनों का विश्वविद्यालय है। लेकिन आज राज्यपाल और इस विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर भाजपा की दलाली करते हुए राज्य सरकार के निर्देशों की अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इस समय कन्वोकेशन करने से मना किया गया था। लेकिन यहां पर फिर भी कन्वोकेशन किया जा रहा है। इसी के खिलाफ यह आंदोलन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वह ना तो राज्यपाल और नहीं यहां के वाइस चांसलर को भाजपा की दलाली करने देंगे। क्योंकि इस विश्वविद्यालय को बनाने में ममता बनर्जी ने काफी मेहनत की है और तृणमूल छात्र परिषद इसे कभी बर्बाद होने नहीं देगा न ही इस विश्वविद्यालय को राजनीति का अखाड़ा बनने देगा। वहीं वेबकुपा के पश्चिम बर्धमान जिला अध्यक्ष डॉ. वीरू रजक ने कहा कि अभी चुनाव आचार संहिता लागू हो गया है। ऐसे में इतनी हड़बड़ी में कन्वोकेशन करने की क्या जरूरत थी। जबकि राज्य सरकार द्वारा इसे करने से मना किया गया था। उन्होंने कहा कि यह एक राज्य सरकारी विश्वविद्यालय है। ऐसे में यहां पर कन्वोकेशन करने के लिए राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की अनुमति की आवश्यकता होती है। लेकिन बिना राज्य सरकार के शिक्षा विभाग की अनुमति के यहां पर कन्वोकेशन किया जा रहा है। इसी के खिलाफ आज यह प्रदर्शन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने रोड जाम नहीं किया। लेकिन शांतिपूर्ण तरीके से राज्यपाल को काले झंडे दिखाते हुए अपना विरोध दर्ज कराया गया।
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