अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता संबंधी अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू करने के लिए भारत सरकार द्वारा जारी नियमों की अधिसूचना पर चिंता व्यक्त की है। आयोग ने कहा है कि धर्म या आस्था के आधार पर किसी को भी नागरिकता से वंचित नहीं किया जाना चाहिए। आयोग के आयुक्त स्टीफन श्नेक ने एक बयान में कहा, “पड़ोसी देशों से भागकर भारत में शरण लेने के लिए आए लोगों के लिए सीएए में धार्मिक अनिवार्यता का प्रविधान है।” उन्होंने कहा कि सीएए हिंदुओं, पारसियों, सिखों, बौद्धों, जैनियों और ईसाइयों के लिए तो त्वरित नागरिकता का मार्ग प्रशस्त करता है, लेकिन मुसलमानों को स्पष्ट रूप से इस कानून के दायरे से बाहर रखा गया है।
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