दिल्ली के स्कूलों में एक अप्रैल से शैक्षणिक सत्र 2024-25 की शुरूआत होने जा रही है। इस सत्र के लिए भी अभिभावकों का स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना महंगा हो गया है। निजी स्कूलों ने ना केवल फीस में 10-15 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है बल्कि यूनिफॉर्म, किताबें व परिवहन शुल्क में बढ़ोतरी उनके बजट को बिगाड़ रहे हैं। स्कूल निजी प्रकाशकों की किताबों के नाम पर मनमानी रकम वसूल रहे हैं। जबकि निदेशालय के आदेशों के अनुसार स्कूल उन्हें निजी प्रकाशकों की पुस्तकें लेने के लिए बाध्य नहीं कर सकते हैं। स्कूलों के मनमाने रवैये के कारण अभिभावक बाजार रेट से ज्यादा कीमत देने को मजबूर हैं। फीस और किताबें, यूनिफॉर्म के खर्चे मिलाकर एक बच्चे पर ही अभिभावकों को औसतन 15 हजार से 20 हजार रुपये खर्च करने पड़े हैं। दिल्ली पैरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष अपराजिता गौतम ने बताया कि अभिभावकों से लगातार फीस बढ़ोतरी, निजी प्रकाशकों की महंगी पुस्तकें, यूनिफॉर्म लेने के लिए स्कूल की ओर से बाध्य किए जाने की शिकायतें मिल रही हैं।