दो बच्चों की हत्या का पुलिस ने जो खुलासा किया है और हत्याकांड की जो वजह बताई है, उससे परिजन संतुष्ट नहीं हैं। बच्चों के पिता विनोद कुमार, दादी मुन्नी देवी और मां संगीता का कहना है कि साजिद के मानसिक रूप से बीमार होने और बच्चों से नफरत करने की बात झूठी है। अगर वह मानसिक रूप से बीमार होता तो रोजाना तमाम बच्चों और लोगों के बाल कैसे काटता। वह बाल काटने के दौरान ही किसी की गर्दन उड़ा सकता था, जबकि 10 साल से वह बाल काट रहा था। विनोद का कहना है कि वह फिर से बता रहे हैं कि वारदात वाले दिन साजिद और जावेद उनके घर पहली बार आए थे। चूंकि साजिद और जावेद का उनके घर के पास ही हेयर सैलून था और उनके बच्चे अक्सर वहां बाल कटवाने जाते थे, इसलिए जान-पहचान भर थी। उनके साथ कोई ज्यादा उठना बैठना नहीं था। पुलिस का यह कहना गलत है कि साजिद और जावेद अक्सर उनके घर आते थे। अगर साजिद मानसिक रूप से बीमार था तो वह रोजाना तमाम लोगों के बाल कैसे काटता था। विनोद का तर्क है कि मोहल्ले के और भी लोग व बच्चे उसकी दुकान पर बाल कटाने जाते थे, लेकिन कभी उसके मानसिक रूप से बीमार होने की बात सामने नहीं आई। अगर ऐसा होता तो वह जरूर कोई न कोई हरकत करता। हमें न्याय चाहिए। सबसे पहले पुलिस यह बताए कि उनके बच्चों की हत्या क्यों की गई, बच्चों ने क्या बिगाड़ा था। उनके ही बच्चों को निशाने पर क्यों लिया गया। ऐसे और भी कई सवाल हैं, जिनके पुलिस को जवाब देने चाहिए।