आगामी लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने बिहार एनडीए में चिराग पासवान पर बड़ा दांव लगाया है और उनके चाचा पशुपति पारस को किनारे लगा दिया है. सवाल उठता है किआखिर एक सांसद वाली लोक जलशक्ति पार्टी (रामविलास) को बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए 5 सीट लड़ने के लिए क्यों दीं? और आखिर क्यों पांच सांसदों वाली राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस) को एक भी सीट लड़ने के लिए नहीं दी गई ? दरअसल, चिराग अपनी पार्टी के इकलौते सांसद हैं. पिछले कुछ चुनाव पर नजर डालें तो चिराग पासवान की बिहार की राजनीति में क्या सियासत और प्रभाव है, इसका अंदाजा साफ तौर पर लगाया जा सकता है. खासकर 2020 के विधानसभा चुनाव पर नजर डालें तो साफ है कि चिराग पासवान की पार्टी ने भले ही उन चुनाव में सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल की थी. मगर उन्होंने जिस तरीके से नीतीश कुमार की पार्टी के खिलाफ उम्मीदवार खड़े किए थे, उसके कारण जनता दल यूनाइटेड को उन्होंने बिहार में तीसरे नंबर की पार्टी बना दिया था जो एक वक्त में बिहार में पहले नंबर की पार्टी हुआ करती थी