नासिक – माथे पर चंदन, गले में अंगवस्त्र, चुनाव आते ही फिर दिखने लगा राहुल गांधी का ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’

महाराष्ट्र के नासिक जिले के त्र्यंबक गांव में बने त्र्यंबकेश्वर मंदिर की हिंदुओं में गहरी आस्था है. यहां पर प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग स्थापित है. कहते हैं कि अकेला ऐसा ज्योतिर्लिंग है जहां सिर्फ भगवान शिव का ही नहीं, बल्कि तीन शिवलिंग स्थापित हैं. ये ज्योतिर्लिंग ब्रह्मा, विष्णु और महेश यानी त्रिदेव की पहचान माने जाते हैं. त्र्यंबकेश्वर मंदिर करीब 268 साल पुराना है. इस मंदिर के तीन ओर नासिक की तीन पहाड़ियों, ब्रह्मगिरि, नीलगिरि और कालागिरि हैं. इन्हीं पहाड़ियों के बीच यह ज्योतिर्लिंग मंदिर बना है. यह भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी गोदावरी के स्रोत पर स्थित है. यह नदी महाराष्ट्र से निकलकर बंगाल की खाड़ी में गिरती है. पौराणिक मान्यताओं को माने तो गौतम ऋषि और गोदावरी के आह्वान पर भगवान शंकर ने इसी स्थान पर निवास किया था. सावन के महीने में इस मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए देशभर से लाखों श्रद्धालु उमड़ पड़ते हैं. इस मंदिर का निर्माण गोदावरी नदी के किनारे काले पत्थरों से किया गया है.

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