विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में सोमवार को भगवान महाकाल ने अपने भक्तों को एक साथ पांच रूपों में दर्शन दिए। मंदिर की पूजन परंपरा में इसे पंचमुखारविंद दर्शन कहा जाता है। बता दें कि, महाशिवरात्रि के बाद फाल्गुन शुक्ल प्रतिपदा पर चंद्र दर्शन के दिन साल में सिर्फ एक बार भक्तों को भगवान के इस दिव्य स्वरूप के दर्शन देते हैं। पंचमुखारविंद शृंगार में पुजारी भगवान महाकाल को एक साथ पांच मुखारविंद धारण कराते हैं। इसके बाद बाबा महाकाल अपने भक्तों को छबीना, मनमहेश, उमा-महेश, होलकर और शिवतांडव रूप के एक साथ दर्शन देते हैं। महाकाल मंदिर की परंपरा अनुसार, फाल्गुन कृष्ण पंचमी से फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी महाशिवरात्रि तक नौ दिन शिव नवरात्र उत्सव मनाया जाता है।