बाबा बैद्यनाथ मंदिर में माघी पूर्णिमा के अवसर पर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. अहले सुबह से ही देवघर के शिवगंगा घाटों पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था. श्रद्धालुओं ने स्नान कर कतारबद्ध तरीके से भोलेनाथ का जलाभिषेक किया.साथ ही विधि-विधान से महादेव की पूजा-अर्चना की.इस दौरान पूरा मंदिर परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भरा था. कतार में खड़े श्रद्धालु हर-हर महादेव के जयकारे लगा रहे थे. साथ ही माघी पूर्णिमा के दिन मंदिर प्रांगण में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने मुंडन और उपनयन संस्कार कराया.साथ अन्य कई धार्मिक अनुष्ठान का आयोजन किया गया.जानकर बताते हैं मान्यता है कि माघी पूर्णिमा पर देवता भी रूप बदलकर गंगा स्नान के लिए प्रयाग पहुंचते हैं. इसलिए इस तिथि का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है. पुराणों में इस संबंध में बताया गया है कि माघी पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु गंगाजल में निवास करते हैं. माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी सोलह कलाओं से शोभायमान होकर अमृत की वर्षा करता है. इसके अंश वृक्षों, नदियों, जलाशयों और वनस्पतियों में होते हैं. इसलिए इनमें सारे रोगों से मुक्ति दिलाने वाले गुण उत्पन्न हो जाते हैं. वैदिक ज्योतिष के अनुसार माघ पूर्णिमा में स्नान दान करने से सूर्य और चंद्रमा युक्त दोषों से मुक्ति मिलती है. वहीं बैद्यनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित बताते हैं कि माघ पूर्णिमा के दिन कंबल, लकड़ी इत्यादि श्रद्धालु बाबा धाम में दान कर अक्षय पुण्य के भागी बनते हैं.
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