झारखंड सरकार की ओर से अबुआ आवास योजना के तहत गरीबों को तीन कमरे वाले पक्का मकान दिए जा रहे हैं। सरकार की नीतियों के तहत जिन्हें पूर्व में प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला है एवं रहने के लिए जीनका कच्चा मकान है उनके लिए यह योजना चलाई जा रही है किन्तु कहते हैं सरकार के द्वारा दिए जाने वाले योजनाओं में अधिक से अधिक अमीरों ही डकार ले रहें हैं, उक्त योजना का लाभ गरीबों तक नहीं पहुंच पाते हैं। इसका ज्वलंत उदाहरण देवघर जिले के मोहनपुर प्रखंड के घोंघा पंचायत के कई गांव में उक्त आवास योजना में गड़बड़ी देखने को मिल जाएगी। कहते है की जिन्हें पक्का मकान एवं पूर्व में प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिल चुका हैं फिर से उन्हें ही झारखंड सरकार की अबूआ आवास का जिओ ट्रैगिंग किया गया है, जिससे ग्रामीणों ने मोहनपुर प्रखंड विकास पदाधिकारी संतोष कुमार चौधरी को लिखित आवेदन देकर एवं जांच की मांग की गयी है।पूर्व में भी इस पंचायत में गलत तरीके से ग्राम सभा करके सूची तैयार की गयी थी जिसे संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी ने प्रखंड कर्मी को चयनित कर दोबारा ग्राम सभा कराया था लेकिन उसमें भी असली गरीबों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा हैं। कहते है कि जिन्हे पक्का मकान है उनके ही घर में फिर जियोटेंगिंग किया गया है। पंचायत के घोंघा गांव की एक गरीब महिला शाहिदा बीवी ने एक आवेदन पत्र प्रखंड विकास पदाधिकारी को देते हुए कहां कि लाभुक चयन के समय उनका नाम सूची में था एवं उनका कच्चा मकान भी है उसका पूरा परिवार एक ही घर में रहने को मजबूर हैं, लेकिन सूची से उसका नाम हटाकर गांव में जिन्हें पूर्व में पीएम आवास एवं पक्का मकान है उनके घरों में जियो टैगिंग किया गया है। अब देखना है मामले जांच एवं कार्रवाई होती है या मामले की लीपापोती
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