भारत खाद्यान्न, दाल, सब्जियों एवं फलों का बड़ा उत्पादक बनता जा रहा है। दशक भर में दालों के उत्पादन में 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। 2014 में 171 लाख टन दाल का उत्पादन हुआ था, जो 2024 में बढ़कर 270 लाख टन हो गया है। एक दशक में दालों के उत्पादन में 60 प्रतिशत एवं एमएसपी पर इसकी खरीदारी में 18 गुना वृद्धि हुई है। अर्जुन मुंडा ने कहा कि दलहन में आत्मनिर्भरता के लिए उत्पादन बढ़ाने के प्रयासों का परिणाम है कि एक दशक में हम चना एवं कुछ अन्य दलहन में हम आत्मनिर्भर बन चुके हैं। अरहर एवं उड़द में थोड़ी कमी रह गई है, जिसे 2027 तक पूरा कर लेना है। नई किस्मों की बीज आपूर्ति व रकबा बढ़ाया जा रहा है। रबी सीजन में मसूर का रकबा एक लाख हेक्टेयर बढ़ा है।