देखने में सुंदर और सुकून भरा है ऊंची पर्वत चोटी कंचनजंगा।

देखने में सुंदर और सुकून भरा है ऊंची पर्वत चोटी कंचनजंगा।

कंचनजंगा विश्व की तीसरी सबसे ऊँची चोटी है। यह भारत-नेपाल सीमा में, हिमालय में समुद्र तल से 8586 मीटर की उंचाई पर स्थित है| कंचनजंगा का शाब्दिक अर्थ है “बर्फ के पांच खजाने”। इसमें पांच चोटियाँ सम्मिलित हैं जिसमें प्रत्येक चोटी सोना, चांदी, जवाहरात, अनाज, एवं पवित्र पुस्तकों का दिव्य भंडार हैं।

कंचनजंगा संपूर्ण विश्व में दार्जिलिंग से देखे जाने वाले अपने दृश्यों के लिए जाना जाता है। यहाँ की चोटियों ने अपनी प्राचीन सुंदरता को नहीं खोया है क्योंकि इस पर्वत श्रेणी पर ट्रेकिंग की अनुमति बहुत कम दी जाती है। यह दिन के अलग अलग समय अलग अलग रंगों को अपनाने के लिए भी जानी जाती है। दार्जिलिंग युद्ध स्मारक कंचनजंगा श्रृंखला के अद्भुत दृश्य प्रदान करता है। एक स्वच्छ दिन आपको यह महसूस कराता है जैसे कि ये पहाड़ आसमान से लटके हुए सफ़ेद वाल हैंगिंग की एक छवि हैं। सिक्किम के निवासी इसे पवित्र पहाड़ मानते हैं। वे ट्रेकिंग रास्ते जो ट्रेकर्स के लिए खुले हैं उनमें से गोएचा ला ट्रेक एवं ग्रीन लेक बेसिन ट्रेक धीरे भीरे प्रसिद्धता हासिल कर रहे हैं।

  • यदि आप कंचनजंगा नेशनल पार्क घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो अपनी यात्रा पर जाने से पहले उस क्षेत्र में ट्रेक करने के लिए सभी आवश्यक अनुमतियाँ और परमिट प्राप्त कर लें।
  • वन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की आग से जलाऊ लकड़ी के उपयोग से बचें।
  • आपको ज़ोर से संगीत बजाने या लाउडस्पीकर का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी।
  • राष्ट्रीय उद्यान और संरक्षित क्षेत्रों के अंदर स्थित झीलों और नदियों में तैरने से बचे।

बता दें कि कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान गंगटोक के लिए सीधी ट्रेनें उपलब्ध नहीं हैं और इसका निकटतम रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी में स्थित है जो गंगटोक से 117 किमी दूरी पर स्थित है। न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन कोलकाता और नई दिल्ली दोनों प्रमुख शहरों के अलावा कई छोटे शहरों से भी जुड़ा हुआ है। न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पहुचने के बाद कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान जाने के लिए आप बस या टेक्सी किराये पर ले सकते हैं।

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