भारत के हिस्से में आने वाले हिमालय में 28043 ग्लेशियल लेक्स (Glacial Lakes) हैं। ग्लेशियर से बनने वाली ये झीलें सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र की घाटी (Basin) में किसी भी समय तबाही मचा सकती हैं।भारत सरकार ने इन ग्लेशियरों का नक्शा बनवाया है। ये नक्शे नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (NRSC) ने अपने सैटेलाइट्स से ली गई तस्वीरों की मदद से बनाए हैं। कश्मीर से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत के हिमालय में 0.25 हेक्टेयर आकार के 28043 ग्लेशियल लेक्स हैं।50 हेक्टेयर या उससे ज्यादा आकार के सभी ग्लेशियल लेक्स पर केंद्रीय जल आयोग नजर रखता है। उनकी मॉनिटरिंग करता है। गंगा, ब्रह्मपुत्र और सिंधु बेसिन में हिमालय से कई नदियां आती हैं। जिनका सोर्स ग्लेशियर ही है। हिमालय पर पिछले साल सितंबर में नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) ने स्विट्जरलैंड की मदद से सिक्किम में दो ऑटोमेटेड वेदर स्टेशन लगाए थे।पहला साउथ लोनक ग्लेशियल लेक के पास। दूसरा शाको चो ग्लेशियर के पास। क्योंकि इन दोनों के किसी भी समय टूट कर गिरने का खतरा था।साउथ लोनक ग्लेशियल लेक टूटने की वजह से पिछले साल सिक्किम में बड़ी आपदा आई थी।