53 साल आठ महीने की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद हिंदू पक्ष ने अदालत में लाक्षागृह को लेकर बड़ी जीत हासिल कर ली। वर्ष 1970 में वाद दायर होने के बाद से ही हिंदू पक्ष ने अदालत में ठोस साक्ष्य पेश किए, जबकि मुस्लिम पक्ष अपने दावों पर खरा नहीं उतर सका। यही नहीं जो साक्ष्य पेश किए, उनके बारे में भी पुख्ता जानकारी अदालत को नहीं दे सका। मुस्लिम पक्ष न तो यह बता सका कि जब प्राचीन टीले पर मानव की अस्थियां मिली तो उनकी कार्बन डेटिंग क्यों नहीं कराई गई? न ही टीले के कोने-कोने में कब्रें होने का पुख्ता सबूत दे सका। दूसरी तरफ, हिंदू पक्ष ने न केवल कमीशन की रिपोर्ट पेश की, बल्कि सरधना तहसील, एएसआई आदि की साक्ष्यों के साथ रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत की।
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