रानीगंज के नारायणकुड़ी ओसीपी हादसे के बाद ईसीएल के कुनुस्ताड़िया क्षेत्र स्थित बांसड़ा कोलियरी ओसीपी में अवैध कोयला काटने के दौरान फिर बड़ा हादसा हो गया। इस घटना को लेकर तीन राजनीतिक दल भाजपा सीपीएम व तृणमूल कांग्रेस ने मुआवजे की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। 6 महीने तक कोयला खनन करने के बाद एक बंद पड़ी कोयला खदान में अवैध रूप से कोयला काटने के दौरान यह हादसा हुआ। इस हादसे में दो लोगों की मौत होने की बात कही जा रही है। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि समाचार लिखे जाने तक नहीं हुई थी। इस घटना के मद्देनजर यह इलाका जो आसनसोल दक्षिण विधायक अग्निमित्रा पाल का विधानसभा क्षेत्र है, वही घटना की खबर पाकर अग्निमित्रा पाल उस इलाके में पहुंचीं और मृतक के परिजनों से मुलाकात की. बाद में उन्होंने इस घटना में मुआवजे की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासनकाल में इस इलाके में लोगों के पास काम नहीं है इस वजह से गरीब लोग अपने परिवार का पेट पालने के लिए इस तरह के अवैध काम में लिप्त होते हैं उन्होंने कहा कि बंगाल में अवैध कामकाज करना ही एक नियम बन गया है क्योंकि यहां पर कोई कारखाना या उद्योग नहीं है उन्होंने कहा कि इस घटना में भी इस क्षेत्र के गरीब युवा अपने परिवार का पेट पालने के लिए इस तरह के काम करने को मजबूर हुए जिसका परिणाम यह हुआ हादसे में दो लोगों की मौत हो गई उन्होंने साफ कहा कि जब तक बंगाल में ममता बनर्जी या तृणमूल कांग्रेस का शासन है कब तक यह होता रहेगा उन्होंने लोगों से अपील की एक बार बंगाल में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा को एक मौका देकर देखें क्योंकि बंगाल में आज जो हो रहा है उससे बुरा और कुछ नहीं हो सकता। वहीं सीपीएम कार्यकर्ता और समर्थक एजेंट कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए, उन्होंने घायलों और मृतकों के लिए मुआवजे की मांग को लेकर भी प्रदर्शन किया। सीटू नेता सुप्रियो राय ने बताया कि नारायण कुड़ी घटना के बाद भी प्रशासन होश पर नहीं आई है और इस वजह से आज बांसड़ा में यह हादसा हुआ उन्होंने कहा कि आज तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों के ही नेता यहां पर आंदोलन कर रहे हैं लेकिन वह यहां पर सिर्फ फोटो खिंचवाने आए हैं असली आंदोलन वामपंथी करते रहे हैं उनका साफ कहना है कि इस घटना में करने वाले लोगों को मुआवजा देना होगा और इस तरह के अवैध कामकाज पर रोक लगानी होगी और उस ओसीपी की भराई करनी होगी। सीपीएम ने दावा किया है कि उन्होंने उस हिस्से को भरने के लिए खनन प्राधिकारी से कई बार विरोध किया था, लेकिन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं होने के कारण ऐसी घटना घटी है, जिसकी जिम्मेदारी खनन प्राधिकारी को लेनी होगी. दूसरी तरफ तृणमूल नेतृत्व भी इस घटना को लेकर पीड़ित परिवारों को मुआवजा की मांग पर वह एजेंट कार्यालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया। मालूम हो कि इस घटना में विनोद भुइयां और राजेश तुरी की मौत हो गयी. वहीं रामप्रवेश वर्न्याल एवं कारू भुइयां घायल हो गये।
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