पाकिस्तान में आठ फरवरी को संसदीय चुनाव के लिए मतदान होना है। उससे पहले शीर्ष अदालत ने लाहौर उच्च न्यायालय के उस आदेश को पलट दिया है, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के एक सदस्य की उम्मीदवारी खारिज कर दी गई थी। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि चुनाव कानूनों की विवेचना मत के अधिकार के पक्ष में की जानी चाहिए, ताकि मतदाताओं के पास भाविष्य का नेतृत्व चुनने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प हों। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के सदस्य ताहिर सैद की उम्मीदवारी पर शीर्ष अदालत के तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सुनवाई की। न्यायमूर्ति सैयद मंसूर अली ने अपने फैसले में लिखा कि चुनव कानूनों की विवेचना मताधिकार के पक्ष में की जानी चाहिए, जिससे मतदाताओं के पास देश के भावी नेतृत्व का चुनाव करने के लिए ज्यादा विकल्प हों।
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