जन्म-जन्म मुनि जतन कराहीं, अंत राम मुख आवत नाहीं। रामचरित मानस में वर्णित इन चौपाइयों के अनुसार व्यक्ति जीवन के अंतिम समय राम का नाम मात्र का स्मरण कर ले तो उसे स्वर्ग की प्राप्ति हो जाती है, पर श्रीरामलला प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर भिवानी में जो हुआ वह दुर्लभ है। अयोध्या में श्रीराम प्राण प्रतिष्ठा के दौरान भिवानी के जवाहर चौक पर रामलीला मंचन के दौरान हनुमान की भूमिका निभा रहे एमसी कालोनी निवासी हरीश ने भगवान राम की गोद में ही दम तोड़ दिया। जब तक वह प्रभु के चरण में गिरे थे तो लोग इसे लीला का हिस्सा मान रहे थे। जब संभले तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
Posted inNational