सूरत की 42 गर्भवती महिलाओं ने अयोध्या में संपन्न होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले 21 विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय भाषाओं में जय श्रीराम मंत्र को 21 बार अंकित किया। गर्भ संस्कार काउंसलर अमीषा बेन ने इस पहल का नेतृत्व करते हुए 21 बार श्रीराम लिखने के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि इस पहल का उद्देश्य बच्चे के आध्यात्मिक और भावनात्मक स्तर को भगवान की ओर मोड़ना है। सतयुग से कलयुग तक ‘राम’ कहकर दाह संस्कार किया जाता है। राम के बिना कुछ भी संभव नहीं है। इस उद्देश्य के लिए यह कार्य अत्यंत ईमानदारी से किया गया है।