राम मंदिर के उद्घाटन के दिन (22 जनवरी) को हर साल ‘राम दीवाली’ के रूप में मनाया जाएगा। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की योजना है कि इसे पूरी तरह गैर राजनीतिक धार्मिक-सामाजिक कार्यक्रम की तरह रखा जाए, जिससे हिंदू समाज का हर वर्ग और हर जाति स्वेच्छा से इसका हिस्सेदार बनना पसंद करे। इस विचार के लिए बाल गंगाधर तिलक विहिप की प्रेरणा बने हैं जिन्होंने अपने जीवन काल में गणेश उत्सव का आयोजन कर पूरे समाज को आंदोलन करने के लिए एकजुट कर लिया था। दरअसल, सबसे पहले यह योजना बनी थी कि अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के दिन 22 जनवरी को पूरे देश में हिंदू समाज के परिवारों से अपने-अपने घरों पर पांच-पांच दीपक जलाने की अपील की जाएगी। लेकिन राम मंदिर के प्रति लोगों के उत्साह को देखते हुए इसे पूरी तरह दीपावली के त्यौहार की तरह मनाए जाने की योजना बनाई गई।
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