इंदौर शहर के बाणगंगा थाना क्षेत्र के भागीरथपुरा में अमित यादव, उसकी पत्नी और दो मासूम बच्चों की मौत की घटना के बाद पूरे शहर भर में लोन माफियाओं के खिलाफ आक्रोश का माहौल है… मोबाइल ऐप के माध्यम से लोन देकर मनमाना ब्याज, किश्तें नहीं चुकाने पर अत्यधिक आर्थिक दंड के साथ ही वसूली एजेंटो द्वारा दी गई मानसिक प्रताड़ना से ही अमित यादव ने दुखी होकर परिवार सहित आत्महत्या कर ली थी…वही यादव परिवार के 4 लोगों की आकस्मिक मृत्यु से पूरे समाज में दुख का माहौल है और मोबाइल ऐप कंपनियों के प्रति आक्रोश भी है… इसी मामले में गुरुवार को यादव समाज ने इंदौर के कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र को ज्ञापन देकर जानलेवा मोबाइल ऐप को प्रतिबंधित कर कार्यवाही करने की मांग की साथ ही मामले की उच्च स्तरीय जांच करने की भी मांग की क्योंकि मृतक अमित के हाथ पीछे से बंधे हुए थे… ऐसे में समाज ने वसूली एजेंटों पर हत्या की आशंका भी जताई है.. साथ ही सबूत मिटाने के लिए पूरे परिवार की हत्या की भी आशंका जताई है… यादव समाज के वरिष्ठ केके यादव की अगुवाई में बड़ी संख्या में समाज जनों ने एकत्रित होकर रेसीडेंसी स्थित कमिश्नर कार्यालय पर ज्ञापन देते हुए कहा कि अमित यादव द्वारा ट्रू बैलेंस मनी पॉकेट सहित अन्य दो ऐप से लोन लिया गया था.. यह ऐप जानबूझकर लोगों को अपने ऋण के माया जाल में उलझाते हैं…
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