अयोध्या में राम मंदिर बनना किसी एक इंसान का नहीं, बल्कि कई हजारों-लाखों लोगों का सपना है। अब 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साथ ही लोगों का ये सपना पूरा हो जाएगा। वहीं, झारखंड की 85 साल की एक बुजुर्ग महिला भी तीन दशक बाद अपना मौन व्रत तोड़ने के लिए तैयार हैं। दरअसल, 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के दिन ही उन्होंने अपनी मन्नत शुरू कर दी थी और संकल्प लिया था कि राम मंदिर का उद्घाटन होने के बाद ही वह अपना मौन व्रत तोड़ेंगी। झारखंड के धनबाद की रहने वाली सरस्वती देवी राम मंदिर के उद्घाटन का गवाह बनने के लिए सोमवार रात अयोध्या के लिए रवाना हुईं। देवी अयोध्या में ‘मौनी माता’ के नाम से लोकप्रिय हैं। वह सांकेतिक भाषा के माध्यम से या लिखकर परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करती थीं। बाघमारा प्रखंड के भोवरा के निवासी हरे राम ने कहा, ‘महंत नृत्य गोपाल दास के शिष्यों ने मां को राम मंदिर उद्घाटन कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है। वह धनबाद रेलवे स्टेशन से गंगा-सतलज एक्सप्रेस में सवार होकर सोमवार रात अयोध्या के लिए रवाना हुई हैं। 22 जनवरी को अपना मौन व्रत तोड़ेंगी।’