कैमूर जिले के शांति नेत्रालय चैनपुर की संस्थापिका स्व शांति देवी की चौथी पुण्यतिथि पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर का आयोजन हर साल किया जाता है और इस साल भी सैकड़ो मरीजों का मोतियाबिंद ऑपरेशन किया गया। सर्वप्रथम दिवंगत शांति देवी के तैल्य चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। इस मौके पर भभुआ एसडीएम मुख्य अतिथि के रूप में शांति नेत्रालय पहुंचे जहां पर उनके द्वारा भी पुष्पांजलि अर्पित करते हुए निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर के आयोजक डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह की प्रशंसा की गई। इस शिविर के मुख्य आयोजक डॉ. चंद्रशेखर सिंह के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया अपनी माता स्व शांति देवी की चौथी पुण्यतिथि पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर का आयोजन किया गया। वहीं उन्होंने बताया कि इस निःशुल्क मोतियाबिंद ऑपरेशन शिविर में वैसे अनाथ लोगों का चयन करके निःशुल्क आंख बनाई जाती है जो बेहद गरीब लाचार हैं। इसके लिए इस वर्ष उनके द्वारा कैमूर जिले का सबसे पिछड़ा इलाका अधौरा का चयन किया गया था जहां से 55 लोगों को अपने निजी एंबुलेंस से शिविर में लाया गया उनका निशुल्क मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया उन्हें खाना पीना एवं निशुल्क दवा दिया गया इसके साथ-साथ उन्हें सर्दी के मौसम को देखते हुए कंबल भी दिया गया। आंख बनने के बाद उन्हें पुनः अपने एंबुलेंस से उनके घरों तक पहुंचाया गया। इस कार्य का जहां पूरे क्षेत्र में चर्चा हो रही है वहीं भभुआ एसडीएम इस शिविर के आयोजन के विचारों को देखते हुए और उनके कार्य को देखकर काफी प्रभावित हुए और उन्होंने कहा कि गरीब और असहयों की जो सेवा की जा रही है उसकी जितनी भी प्रशंसा की जाए वह कम है क्योंकि यह सेवा निस्वार्थ भाव से की जा रही है और सबसे बड़ी बात यह है कि इस शिविर के माध्यम से वैसे गरीब और लाचार लोगों को लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है जो बिल्कुल असहाय है और पिछड़े इलाके से आते हैं। इस बात को लेकर पूरे क्षेत्र में प्रशंसा का विषय बना हुआ है वही इस मौके पर डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि मेरी मां कहां करती थी कि गरीब और सहाय लाचार लोगों का मदद करना ही सबसे बड़ा धर्म है जो मैं अपनी माता जी के कह गए शब्दों का कुर्ता पालन करने की कोशिश करता रहता हूं और करता भी हूं बता दे की डॉ चंद्रशेखर सिंह ऐसे भी गरीब लाचार असहाय लोगों के मदद करने का शौकीन डॉक्टर माने जाते हैं। वही इस संबंध में भभुआ सदर एसडीएम ने भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि अगर समाज में ऐसे डॉक्टरो कहो ना बहुत जरूरी है ऐसे ही डॉक्टर समाज के दबे कुचले गरीब सहयोग की मदद करके समाज का नाम रोशन करते हैं।
Posted inBihar