उत्तर प्रदेश की योगी सरकार निचले स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ देने के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ रही है। बावजूद इसके चिकित्सकों के रवैया में किसी तरह का कोई सुधार देखने को नहीं मिल रहा है। हालांकि यह बात अलग है की डिप्टी सीएम बृजेश पाठक लगातार अस्पतालों में पहुंचकर स्वास्थ्य कर्मियों की कार्यप्रणाली को जांचने में जुटे हुए हैं। कुछ इसी तरह की रामपुर के जिला अस्पताल में स्थित इमरजेंसी ड्यूटी रूम मे तैनात डॉक्टर फसाहत हुसैन के कटु रवैया में भी देखने को मिली है। बता दे की रामपुर के जिला अस्पताल में इन दिनों इमरजेंसी ड्यूटी करने वाले एक चिकित्सक फसाहत हुसैन के निम्न व्यवहार और उनकी उदासीन कार्यशैली पूरे अस्पताल में चर्चा का विषय बनी हुई है। रविवार को रात्रि के समय कुछ ऐसा ही नजारा मीडिया के कैमरे में भी कैद हो गया जब सड़क हादसे के शिकार हुए शांति प्रसाद के पैरों में चोट लग गई जिन्हें अस्पताल लाया गया लेकिन ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर फरहत हुसैन ने जिला अस्पताल के सीएमएस एवं प्रसिद्ध हड्डी रोग विशेषज्ञ एवं सर्जन डॉ एचके मित्रा तक से सलाह लेनी भी मुनासिब नहीं समझी और गरीब से दिख रहे घायल शांति प्रसाद को अलीगढ़ ले जाने के लिए रेफर कर दिया। बात यहीं पर खत्म नहीं हुई रेफर मरीज को इमरजेंसी ड्यूटी रूम में तैनात किसी भी स्वास्थ्य कर्मी ने स्ट्रेचर की मदद से उसे अस्पताल के बाहर तक पहुंचाने की जहमत तक नहीं उठाई।
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