कैमूर। केके पाठक जैसे अधिकारी बिहार को बड़ी मुद्दों से मिलते हैं। यह अधिकारी आज के इतिहास में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए लगातार युद्ध स्तर पर कार्रवाई कर रहे हैं। इनके बदौलत आज बिहार में शिक्षा सुधार का काम तेजी से हो रहा है। जिसका नतीजा यह है कि बिहार राज्य में आज 75 प्रतिशत शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो गया है। जिसके बाद के केके पाठक जैसे अधिकारी को शिक्षा व्यवस्था में और बेहतर काम करने के लिए सरकार को छूट देने की जरूरत है। केके पाठक जिस तरह से शिक्षा व्यवस्था को सुधार करने के लिए काम कर रहे हैं। इससे कुछ लोगों को व्यक्तिगत नुकसान हो रहा होगा। लेकिन केके पाठक शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। उक्त बातें कैमूर जिले के पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष उपेंद्र प्रताप सिंह ने मीडिया से बातचीत करने के दौरान कही। उन्होंने कहा कि केके पाठक के बच्चे भले ही सरकारी स्कूलों में नहीं पढ़ते होंगे। लेकिन इसके बावजूद श्री पाठक जैसे अधिकारी शिक्षा व्यवस्था में सुधार करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। उनका इस तरह से किया जा रहा कार्य सराहनीय है। स्कूल और कॉलेज में सुधार के लिए युद्ध स्तर पर जो प्रयास कर रहे हैं। इससे यह लग रहा है कि इनको और छूट देने की जरूरत है। ताकि बिहार में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से सुदृढ़ और बेहतरीन हो सके। इनका सभी लोगों को समर्थन करना चाहिए जो लोग विरोध करेंगे वह समझिए शिक्षा व्यवस्था का विरोधी है। आज श्री पाठक जैसे अधिकारी के वजह से बिहार में शिक्षा व्यवस्था सुधर रहा है। जिसका नतीजा वर्तमान समय में गांव के स्कूलों में देखने को मिल रहा है। पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि आज ग्रामीण क्षेत्र में स्कूलों का संचालन ससमय हो रहा है। सभी शिक्षक समय से आ रहे हैं और बच्चों को पढ़ा रहे हैं। इस तरह का काम श्री पाठक जैसे अधिकारी ही कर सकते हैं। केके पाठक ने आज जिस तरह से काम कर रहे है। उससे के के पाठक आज सभी बच्चों के अभिभावकों के दिल में बस गए हैं। यह केके पाठक के काम की वजह से हुआ है। जो शिक्षा को चाहेगा। बच्चों के भविष्य को जाएगा। वह कभी भी शिक्षा व्यवस्था का विरोध नहीं करेंगे।
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