मध्यप्रदेश में आफत की बारिश ने कोहराम मचाया हुआ है। क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश से नर्मदा अपने विकराल स्वरूप में बह रही है तो वही डेम से छोड़े गए पानी ने भी नर्मदा तटीय क्षेत्रों की चिंता और बड़ा दी है। ऐसा ही हाल मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के नर्मदा किनारे बसे ग्रामीण क्षेत्र नीलकंठ, मंडी सातदेव, छीपानेर रानीपुरा, चोरसाखेड़ी सहित आधा दर्जन से अधिक गावो का है, हालांकि इस आपदा में प्रसासन के मास्टर प्लान ने कई जान बचा ली है। आपको बता दे कि सीहोर कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर ने जिले में बाढ़ आपदा को देखते हुए कई अलग अलग टीम बनाई जिसने नर्मदा तटीय क्षेत्रों सहित नदियों से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रो में जाकर स्थिति का जायजा लिया एक टीम में स्वयं कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर एव पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी तो वही दूसरी टीम में अपर कलेक्टर गुंचा सनोवर, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक गीतेश गर्ग, जिला पंचायत सीओ हर्ष सिंह तो वही तीसरी टीम में एसडीएम दिनेश सिंह तोमर, एसडीओपी आकाश अमलकर, जनपद सीओ प्रबल अरजरिया, चौथी टीम में नायाब तहसीलदार अजय झा, शक्ति तोमर सहित राजस्व के कई कर्मचारी शामिल थे, वही पुलिस एव एसडीआरएफ भी इस टीम में शामिल थी। दरअसल कल सुबह से ही तेज बारिश और उस पर से तवा एव बरगी डेम का पानी छोड़ने से हालात बिगड़ने की चिंता सभी को सता रही थी वही शाम होते होते कोलार डेम के भी 8 गेट खोल दिये गए नीलकंठ में रात से ही नर्मदा में पानी बढ़ने से सड़क मार्ग से संपर्क टूट गया था तो वही छीपानेर, चोरसाखेड़ी रानीपुरा में रात करीबन 02 बजे अचानक पानी बढ़ने से नर्मदा ने विकराल रूप धारण कर लिया आलम ये रहा कि सड़कों पर नाव चलने लगी वही करीबन एक दर्जन से अधिक घरों में पानी भरा गया हालांकि प्रशासन के सतत प्रयास ओर पहले से ही अलर्ट रहने से कोई जनहानि नही हुई हालांकि अभी नर्मदा का जलस्तर कम होने का बता रहे है लेकिन अगर बारिश नही थमी तो हालात जस के तस ही बने रहेंगे।
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