रानीगंज के हाड़ाभांगा तिराट स्थित दामोदर नदी की सफाई के नाम पर रोजाना दर्जनों बालू लदे ओवरलोड ट्रकों से इलाके मे अवैध रूप से बालू की ढुलाई की घटना शायद ही किसी से छिपी है। बालू लदे ओवरलोड ट्रको की चपेट मे आने से इलाके के आधा दर्जन लोग अपनी जान गवां चुके है। इसके बाद भी प्रशासन मौन बनी हुई है।इतना ही नहीं, गावँ का इकलौता ब्रिज और इकलौती सड़क इन ओवरलोड बालू लदे ट्रकों का भार झेल पाने में असमर्थ हो गयी है। बावजूद इसके बालू चोरी का काम बदस्तूर जारी है। सड़क और ब्रिज की खस्ता हालत और कभी भी कोई बड़ी दुर्घटना का संदेह लेकर अब ग्रामीण महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया हैं। ग्रामीण सड़कों एवं हाड़ाभांगा ब्रिज की दयनीय स्थिति तथा गुजरते ट्रकों से जान का खतरा को देखते हुए आखिरकार हाड़ाभांगा के ग्रामीणों ने फिर से विरोध के लिए कमर कस लिया है इस बार ग्रामीण महिलाओं ने नेतृत्व की जिम्मेवारी ली है। रविवार को हाड़ाभांगा के ग्रामीणों ने जिसमें कुछ तृणमूल समर्थक भी शामिल थे हाड़ाभांगा ग्राम मोड़ पर बालू ट्रकों को रोक दिया तथा परिवहन बंद कर प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि लगभग डेढ़ वर्षो से दामोदर नदी से नदी सफाई के नाम पर अवैध रूप से बालू निकला जा रहा है तथा जिस सड़क की क्षमता 10 टन की है उसे सड़क से 60 टन 70 टन के ओवरलोडेड ट्रक निकल रहे हैं। जिसकी वजह से यहां की सड़क पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है इसके अलावा हाड़ाभांगा ब्रिज भी कभी भी टूट सकता है। बीते दिनों बालू ट्रकों से दो लोगों की मौत हो चुकी है तथा कई लोग घायल हुए हैं। हमेशा भय् बना रहता है कि कब कोई अनहोनी ना हो जाए। जीस तरह से इस सड़क से ट्रक गुजरते हैं कभी भी दुर्घटना हो सकती है। प्रतिदिन 300 से 400 ट्रक इस सड़क से गुजर रहे हैं दिन-रात ट्रैकों का आवागमन लगा रहता है। हमारे बच्चे इस सड़क से गुजरते हैं हमेशा हम लोगों को डर बना रहता है। इसकी शिकायत हम लोगों ने पुलिस, बीडीओ, डीएम तक कर चुके हैं परंतु कोई कार्यवाही नहीं हुई है। अब हम लोग आंदोलन पर उतर चुके हैं इस सड़क से हम लोग ओवरलोडेड वाहन नहीं गुजरते देंगे। साथी हमारे मांग है कि इस जर्जर सड़क को अविलंब बनवाया जाए हाड़ाभांगा ब्रिज का मरम्मत किया जाए अगर इस सड़क से बालू ढुलाई करना है तो सड़क को चौड़ा कर क्षमता 50-60 टन तक किया जाए। अन्यथा हम लोग ट्रैकों को यहां से गुजरने नहीं देंगे अगर कार्रवाई नहीं हुई तो हम लोग जुलूस के शक्ल में जिला शासन कार्यालय तक जाएंगे एवं जरूरत पड़ी तो प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति को भी इस मामले को लेकर चिट्ठी लिखेंगे। ज्ञात हो कि यहां के जर्जर सड़क और ब्रिज से रोजाना दर्जनों ट्रको पर बालू ढुलाई हो रही है। नेताओं से लेकर प्रशासन के तमाम अधिकारियों को पूरे मामले की जानकारी है। बावजूद इसके कोई कार्यवाई नहीं होने के कारण अवैध बालू का धंधा जोरों पर डंके की चोट पर चल रहा है।
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