हकीकत झाझा प्रखंड कर्मा पंचायत के स्कूल प्रभारी ने बताया जहां दो सौ बच्चे नामांकिंत हो एवं150 बच्चे करीब स्कूल आते हैं, उस स्कूल के एकल शिक्षक हो, कोई सहयोगी शिक्षक नही, क्योकि उस स्कूल में एक शिक्षक के बदोलत स्कूल चलती है, जरा सोचिये उस शिक्षक के क्या हाल है, स्कूल भी आना है, पढ़ाना भी है, आफिस का भी चक्कर लगाना है, मतदाता सूची कार्य मतलब बीएलयो का काम, आखिर इस शिक्षक का मानसिक शारिरिक स्थति क्या होती होगी, शिक्षक वाईस कॉल पर हमारे पत्रकार को अपने दास्तान बताए, उन्होने कहा विभाव में सिर्फ कह दिजिए आवेदन दे दिजिए लेकिन कोई नही सुनता है इधर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी महेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि हमने लिस्ट बनाकर भेज दिया विभाग को पोस्टींग पटना से ही होती है, हम पुनः लिखित अवगत करा कर जिला शिक्षा पदाधिकारी को भेजेंगे जिससे निदान निकले , उन्होंने कहा और अन्य स्कूल में भी यही स्थीति है, क्या कहते हैं जिला पार्षद सह शिक्षा अध्यक्ष झाझा धर्मदेव यादव ने शिक्षकों की मेगा बहाली के बावजूद जमुई जिले के प्राथमिक विद्यालय,लोहजरा.. प्राथमिक विद्यालय,संघरा.. प्राथमिक विद्यालय, नयावादीगंज .. प्राथमिक विद्यालय, कारीझाल.. प्राथमिक विद्यालय, पथलचपटी जैसे दर्जनों विद्यालय हैं, जहाँ मात्र एक शिक्षक तैनात हैं इसके बावजूद इन विद्यालयों में नवनियुक्त शिक्षकों की पदस्थापना नहीं हो सकी है।जबकि, ऐसे भी कई विद्यालय हैं, जहाँ बच्चों की संख्या 50 से भी कम है और तीन शिक्षक होने के बावजूद वहाँ एक शिक्षक और तैनात किया गया है। ऐसा प्रतीत होता है कि स्थानीय शिक्षा विभाग बिहार सरकार के द्रुत गति से चल रहे शिक्षा सुधारों के प्रति संवेदनशील नहीं हैं। इस मामले की गहन छानबीन कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जरूरत है।
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