भगवान श्री कृष्ण लोक सांस्कृतिक समाज आसनसोल के तत्वाधान में आज 37 व गोवर्धन पूजा का आयोजन राजद कार्यालय के प्रांगण में मनाया गया. सर्वप्रथम समाज के संस्थापक एवं संरक्षक रजत के वरिष्ठ समाजवादी नेता अधिवक्ता नंद बिहारी यादव ने गाय की पूजा की इस अवसर पर श्री यादव ने बताया कि आज से 5000 वर्ष पूर्व आदि पुरुष योगीराज श्री कृष्णा का जन्म हुआ था उसके पूर्व समाज में मनुवादी व्यवस्था अपने चरम सीमा पर थी श्री कृष्णा 10 वर्ष की आयु में ही धूम पाखंड पर आधारित देवी देवताओं के पूजा के नाम पर आम नागरिकों से धन संपदा अनाज जो वसूल किए जाते थे उसको श्री कृष्ण ने जबरदस्त विरोध किया और उनके 10 वर्ष आई के पूर्व चली आ रही इंद्र की पूजा को बंद कर कर तत्कालीन आर्यावर्त का सबसे महान गणराज्य मथुरा के उपराज्य गोकुल नंद गांव एवं ब्रजभूमि के आम नागरिकों वहां के यदुवंशियों जो गोपालक थे उनको संगठित करके इंद्र की पूजा बंद कराया और उसी स्थान पर प्रकृति की पूजा विशेष कर अपने गोधन गाय की पूजा की परंपरा आरंभ कराई जो की सातवां सनातन एवं सत्य की पूजा है और उन्होंने पाखंड और धूम पर आधारित मनुवादी व्यवस्था को खत्म किया श्री यादव ने बताया कि श्री कृष्ण ने समाज को यह संदेश दिया कि हमें पूजा उसी की करनी चाहिए जो सनातन सतवत और सत्य है जो आम नागरिकों को साक्षात जीवन शक्ति देता है एवं जीवन के लक्ष्य की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त करता है श्री यादव ने बताया कि श्री कृष्ण ने अपने जीवन काल में प्रत्येक सामंतवादी व्यवस्था का विरोध किया और उन्होंने आम नागरिकों के हित के लिए रूढ़िवादी परंपराओं को खत्म किया उसी का प्रतीक गोवर्धन पूजा है जहां भारतवर्ष के नदियों को तक पर बसे हुए गोपाल को विशेष कर यादव समाज के लोग जो गाय पालते हैं आज ही के दिन अपने गाय की पूजा करते हैं उन्हें मिष्ठान भजन के साथ-साथ उनके परवरिश रखरखाव एवं गोधन वृद्धि के संकल्प लेते हैं श्री यादव ने बताया कि यदुवंशियों का सबसे महान त्यौहार गोवर्धन पूजा है और आज के दिन प्रत्येक यादव को यह संकल्प लेना चाहिए कि वह ढूंढ पाखंड और अंधविश्वास पर आधारित धर्म पूजा का बहिष्कार कर प्रकृति की रक्षा करें यही गोवर्धन पूजा का सबसे बड़ा संदेश है इस अवसर पर देव कुमार यादव निशांत यादव सिद्धांत यादव यादवेंद्र काशीनाथ यादव समाज के लोग उपस्थित थे।
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