धनबाद – पढ़ना लिखना है बेकार यदि नही है आपमें संस्कार।

जी हां मां बाप या अभिभावक अपने बच्चों को पढ़ाने लिखाने और उन्हें काबिल बनाने के लिए हर प्रकार का समझौता करते हैं ताकि उनके बच्चे टीवीबड़े होकर न सिर्फ अपने पैरो पर खड़े हो सके बल्कि उनके बुढ़ापे की लाठी भी बन सकें। परंतु संस्कार विहीन बच्चे उनकी अनदेखी कर उन्हे अपमानित कर, और अवहेलना करके उन्हें वृद्धा आश्रम जाने के लिए बाध्य कर देते हैं। शुक्र है ऐसे में कुछ लोग ऐसे हैं जो उन्हें सहारा देकर उनकी सेवा कर, उनका भरण पोषण करके अपने जीवन को धन्य मानते हैं और ऐसे लोगो की भी कमी नहीं है जो तरह तरह से ऐसे वृद्धा आश्रम की मदद समय समय पर करते रहते है ।धनबाद के बरवड्डा में ऐसा ही एक वृद्ध आश्रम है लाल मानी वृद्धा आश्रम । हमारी newz इंडिया 24 की टीम ने वहा जा कर इन बुजुर्गो का हाल चाल लिया उनके संचालक से बात किया प्रस्तुत है सहयोगी मिथिलेश बाबा के साथ पंकज सिन्हा की रिपोर्ट लाल मानी वृद्धा आश्रम यानी अपना घर से

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