मुंगेर नगरनिगम के टाउन हॉल के समीप प्राइवेट बस स्टैंड का निर्माण कराया गया था. बस से सफर करने वाले यात्रियों कि सुविधा को देखते हुए 4 करोड़ 36 लाख कि लागत से बस स्टैंड का निर्माण बुडको के द्वारा किया गया था. भवन निर्माण के बाद नगर निगम को इसकी चाभी सौंप दिया गया था. 4 करोड़ 36 लाख की लागत से बने इस बस स्टैंड को लगभग 5 वर्ष पूर्व 5 दिसंबर 2017 को उस समय के तत्कालीन उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लोकार्पण किया था. उद्घाटन के मौके पर 2017 की तत्कालीन डीएम ,नगर आयुक्त और मेयर रुमा राज मौजूद थे. बुडको के द्वारा बस स्टैंड में पेयजल ,रोशनी, शौचालय की सुदृढ व्यवस्था की गयी थीं. जहां यात्रियों कि बैठने के व्यवस्था के साथ वाहन चालकों को आराम फरमाने की बेहतर व्यवस्था की गई थी. लेकिन लगभग 5 वर्ष बीत जाने के बाद भी ना तो बस से यात्रा करने वाले यात्री और ना हीं बस चालक को इसका लाभ मिल सका. नगर निगम कि देखभाल ना भवन अब खंडहर होता जा रहा है इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इस प्राइवेट बस स्टैंड पे लागों की मानें तो दबंगों कब्जा चलता आ रहा है हैरत की बात है कि मुंगेर सबसे पुराना जिला होने के बाद भी आज तक यहां एक आधुनिक बस स्टैंड तक नहीं बनाए गए. मुंगेर में बस स्टैंड तो है पर खंडर है जहां ना तो बैठने की व्यवस्था और शौचालय की व्यवस्था तक नहीं है . वहीं नगर आयुक्त निखिल धनराज से जब पत्रकारों के द्वारा सवाल पूछा गया कि 4 करोड़ 36 लाख से बने प्राइवेट बस स्टैंड पर अतिक्रमण कार्यों का कब्जा है और आज तक जनता को इसका कोई लाभ नहीं मिल पाया. नगर आयुक्त निखिल धनराज ने बताया बस स्टैंड को सुचारू रूप से छठ पर्व के पहले चालू करवा दिए जाऐ गें.कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है जिसे नोटिस करवा कर अतिक्रमण को खाली करवा दिया जाएगा और फिर बस स्टैंड को सुचारू रूप से छठ पर्व पहले तक चालू कर दिए जाएंगे.
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