पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनावी रण के लिए सिंहनाद फूंका जा चुका है. आचार संहिताएं लागू हैं और इसी के साथ नेता भी अपना-अपना प्रचार करने में जुटे में हैं. बात जब चुनाव प्रचार की आती है, तो कमोबेश एक जैसी बातें या चीजें ही लोग हर जगह देखते हैं. बड़े-बड़े काफिले, रैलियां, बैनर-प्रचार.के झंडे और विशाल जनसभाएं. यानी कुल मिलाकर एक बड़े आयोजन जितना खर्च..