हिन्दू धर्म में दशहरा यानी विजयदशमी का विशेष महत्व है। हर साल के शुक्ल पक्ष की दशमी को मनाने वाला यह पर्व अधर्म पर धर्म की जीत और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।इस पावन अवसर का साक्षी बनने के लिए विवेक कुमार, कुंदन कुमार, सुभम शाव, मयंक प्रताप, प्रीतम कुमार, अमरजीत पासवान सहित दूर-दराज के गांवों से हजारों की संख्या में लोग दुग्धा पहुंचे।दुग्ध। में सार्वजनिक धार्मिक सभा के बैनर तले चल रहे श्रीरामलीला महोत्सव के तहत 24 अक्तूबर को विजयदशमी के मौके पर रावण के पुतले का दहन किया गया।जगह-जगह लोगों ने भगवान श्रीराम, लक्ष्मण, हनुमान जी महाराज की आरती उतारी और पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। फिर श्रीराम ने रावण के पुतले को अग्निबाण मारा। अग्निबाण लगते ही रावण का पुतला धूं-धूंकर जलने लगा। रावण के पुतले में लगी आतिशबाजी देखने लायक थी। काफी देर तक आतिशबाजी भी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र रही। रावण का पुतला जलते ही चारों और भगवान श्रीराम की जय-जयकार होने लगी। सुबह से शाम तक हजारों की संख्या में लोग बाइक व पैदल रावण पुतला दहन मेला देखने के लिए पहुंचे।
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