मुंगावली
संवाददाता -राजेश कौशिक
मुंगावली में पारंपरिक भुजारियो का पर्व मनाया गया जिसके लिए बड़ी संख्या में महिलाएं भजन कीर्तन ,ढोल नगाड़ों के साथ नगर से समूह में निकली और नगर के बीचों बीच स्थित भुजरियां तालाब में विसर्जित कर एवं देवो के देव भोलेबाबा को भुजारिया अर्पित करके घर आते है,
इस त्योहार को धरोहर भी कहा जा सकता है क्योंकि ये त्योहार हमको सदभाव और पूरे साल भर हमारे द्वारा गलती की छमा मांगने का उत्सव है इसमें भुजारियो को परस्पर बदलकर उम्र में छोटे लोग अपने से बड़े लोगो के चरण स्पर्श कर माफी मांगते है और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते है।
अनराय /गमी में त्योहार पर महत्व
इस त्योहार में मालवा आंचल में साल भर में जिनके परिवार में गमी होती है उनके घर भुजरियो को लेकर महिलाए और पुरुष जाते है और इस त्योहार के माध्यम से उनके दुख में साथ होने का एहसास दिलाया जाता है
इस पर्व को अलग अलग नाम से भी जाना जाता है कोई भुजरियां तो कोई कजरिया बोलते है पर वास्तव में भारत में बहुत से त्योहार एक धरोहर रूप में है जिसमे से ये पर्व एक है,,,,।