उत्तर भारत की सांस्कृतिक नगरी ‘गयाजी’ में इस वर्ष 28 सितंबर से 14 अक्टूबर तक कुल 17 दिवसीय चलने वाले विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला का समापन हो गया। श्रद्धा से श्राद्ध और मोक्ष का मार्ग इसी ‘गयाजी’ से आरंभ होता है। 84 लाख योनियों में सर्वश्रेष्ठ मानव है। इसलिए इस योनी में आने के साथ ही नर सेवा के मार्ग पर चलकर ही नारायण तक हम पहुंच सकते हैं। इस वर्ष का पितृपक्ष मेला कई मायनों में ऐतिहासिक कहा जा सकता है। हर कोई नर सेवा का कर्म और धर्म निभाते हुए नारायण तक पहुंचने के लिए अपनी क्षमता से कहीं अधिक जाकर कार्य किया। जिसका परिणाम रहा कि पितृपक्ष मेला में करीब 15 लाख तीर्थयात्री आए। जिन्होंने सरकार एवं प्रशासन के साथ गयवासियों की सराहना की। जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा पग पग पर तीर्थयात्रियों को पूरी सेवा भाव, समर्पण के साथ उनका सहयोग देने का कार्य किया। पितृपक्ष मेला के अवसर पर 15 लाख से अधिक तीर्थयात्री गयाजी आकर अपने पूर्वजों का पिंडदान किया। लगभग 45 से अधिक विदेशी पिंडदानी अमेरिका, रसिया, फ्रांस एवं जर्मनी से आकर अपने पूर्वजों का पिंडदान किया हैं। विदेशी पिंडदानियों ने भी कहा कि जिस फल्गु नदी में पानी नहीं होने की बात सुनते हुए आ रहे थे, इसमें लबालब पानी देखने को मिला। यह सब नीतीश कुमार की सरकार के प्रयासों का ही प्रतिफल है अभिशप्त अंतः सलिला फल्गु के दोनों घाट देवघाट से लेकर सीताकुंड लबालब पानी देखने को मिला। फल्गु नदी पर बने गयाजी डैम (रबर डैम) कीतारीफ़ सभी ने की।पितृपक्ष मेला 2023 के समापन समारोह पर ज़िला पदाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने तमाम पदाधिकारियों, पुलिस पदाधिकारियों, सफाई कर्मियों, स्वयं सेवी संस्थानों, समाजसेवियों, एनसीसी के बच्चे, स्काउट गाइड के बच्चे, नेहरू युवा केन्द्र के वोलेंटियर, विभिन्न मीडिया हाउस के प्रतिनिधियों सहित अन्य सभी लोगो के साथ साथ गया ज़िलावासियों को इस वर्ष पितृपक्ष मेला को ऐतिहासिक बनाने, स्मरणीय बनाने तथा यादगार बनाने के साथ साथ सफल बनाने में जो कार्य किया है, उसे लेकर सभी को उन्होंने धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस वर्ष का मेला सालो साल इतिहास के रूप में याद किया जाएगा।इसके अलावा इस वर्ष पहली बार गया के गांधी मैदान में टेंट सिटी में रहने वाले तीर्थ यात्रियों को पीने के लिए गंगा जल भी उपलब्ध कराया गया। साथ ही विष्णु पद मंदिर के समीप प्याऊ तथा देवघाट एवं सीता कुंड में प्याऊ के माध्यम से आए हुए सभी तीर्थ यात्रियों को गंगाजल पिलाने का कार्य बिहार सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा किया गया था। इस व्यवस्था को लेकर देश-विदेश से आए सभी तीर्थ यात्रियों ने काफी सराहा है। टेंट सिटी में जीविका दीदियों द्वारा लगाए गए स्टॉल, सुधा तथा हर दिन संध्या में भजन कीर्तन इत्यादि का काफी आनंद सभी ने लिया है। टेंट सिटी में लगभग 12000 से ऊपर तीर्थ यात्रियों ने आवासन किया।
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