दिल्ली – आपबीती ‘बाघ विधवाओं’ की: ‘पति को टाइगर खा गया, अब नसीब में बस भूख है

दिल्ली – आपबीती ‘बाघ विधवाओं’ की: ‘पति को टाइगर खा गया, अब नसीब में बस भूख है

सर्दियों का वक्त. नाव लेकर मैं पति के साथ मछलियां पकड़ने निकली हुई थी, तभी पानी में सरसराहट हुई. इससे पहले कि हम संभलते, पति की गर्दन बाघ के पंजों में थी. गड़ाप की आवाज के साथ दोनों गायब हो गए. अब मेरे चारों तरफ खून के छींटे थे. ताजा पकड़ी मछलियां थीं. और साथ में था एक पुछल्ला- बाघ विधवा का! वो औरत, जिसकी परछाई से भी लोग बचते

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