धनबाद – झारखंड सरकार की दोहरी भू नीति और भू माफियाओं की कूटनीति ने लोगों को किया गुमराह और मरीजों को

धनबाद के भूली में रँगूनी मौजा में विवादित 85 एकड़ ज़मीन जिसमें से 11.92 एकड़ पर असर्फी कैंसर संस्थान संचालित है, दो तरह से प्रताड़ित है एक तरफ राज्य सरकार ने ठोका है दावा तो दूसरी ओर दत्ता परिवार और पाल परिवार में, जमीन उन्मूलन के पहले से ही विवाद चल रही है तो तीसरी और असर्फी कैंसर संस्थान के सफलता पूर्वक चलने के बाद भी लोगो में भ्रांति फैलाया जा रहा है की हॉस्पिटल बंद हो गया । उपर्युक्त विषय को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस हॉस्पिटल परिसर आयोजित कर हॉस्पिटल के मालिक हरेंद्र सिंह ने पत्रकारों को बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति श्री अभय एस ओका एवं श्री पंकज मिथल की खंडपीठ ने दिनांक 09.10.2023 को उपर्युक्त विषय पर सुनवाई के बाद अपना निर्णय सुनाते हुए सभी पक्षकारो को नोटिस भेजते हुए एक्सेक्यूशन सहित इस मामले में हाई कोर्ट, रांची सहित अभी तक पारित सभी अदालतों के निर्णयों पर रोक लगा दिया है। बहस के क्रम में झारखण्ड सरकार के अधिवक्ता श्री राजीव द्विवेदी ने जोरदार बहस किया तथा झारखण्ड सरकार ने अपना दावा पुरे 85 एकड़ पर ठोक दिया है। विद्वान अधिवक्ता ने माननीय सुप्रीम कोर्ट को बताया की सरकारी ज़मीन के विवाद में निचली अदालत में सुनवाई के दौरान झारखण्ड सरकार को पक्षकार नहीं बनाया गया था। सरकार द्वारा 11.92 एकड़ आवंटन मिलने के बाद असर्फी हॉस्पिटल ने कैंसर हॉस्पिटल का निर्माण कर दिया है। इस सूचना सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद रंगुनि गावं में ग्रामीणों के बीच हर्ष का माहौल है। साथ ही धनबाद और आसपास के कैंसर के मरीजों के लिए यह एक राहत की बात है, क्योंकि अब कैंसर के इलाज में होने वाली बाधाएं समाप्त हो गईं हैं। विदित हो की असर्फी कैंसर संसथान में कैंसर के मरीजों का ईलाज अप्रेल से ही शुरू कर दिया गया है। मरीजों का रेडिएशन थेरेपी के अलावा सभी प्रकार का ईलाज चल रहा है। रेडिएशन के लिए आयातित मशीने लीनियर एक्सेलेटर एवं पेट सिटी का भी लगाया जा चूका है। एटॉमिक एनर्जी रेगुलेटरी बॉडी, मुंबई से रेडिएशन के डाटा को अध्ययन करने के उपरांत जब मशीन को मरीजों पर इस्तेमाल के लिए स्वीकृति दी जाएगी तब इन मशीनो पर मरीजों का ईलाज भी शुरू कर दिया जायेगा। प्रसंगवस यह भी बताना हैं की असर्फी कैंसर संसथान झारखण्ड का तीसरा हॉस्पिटल हैं जहाँ कैंसर से सम्बंधित सभी ईलाज संभव है। प्रस्तुत है सहयोगी मिथिलेश बाबा के साथ पंकज सिन्हा की रिपोर्ट धनबाद के भूली से ।

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